जिस तरह एक जख्म के होने से जिस्म पर,
एहसास होता है केवल दर्द का,
उसी तरह "मेरे" होने से कहाँ हो पाती है महसूस,
तेरी खूबसूरती और तेरा जलवा?
किसी तरह "मेरे" होने को आराम मिले,
तो कुछ तेरी ठंडी छाँव में ज़िन्दगी को गले से लगाया जाए..
एहसास होता है केवल दर्द का,
उसी तरह "मेरे" होने से कहाँ हो पाती है महसूस,
तेरी खूबसूरती और तेरा जलवा?
किसी तरह "मेरे" होने को आराम मिले,
तो कुछ तेरी ठंडी छाँव में ज़िन्दगी को गले से लगाया जाए..
2 comments:
"kar de mujhe mujhse hi riha"?
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